Nav Bihan
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तीसरे विश्व युद्ध की आहट, मिडिल ईस्ट में छिड़ी जंग

इजरायल का ईरान पर हमला, तेहरान ने किया जवाबी मिसाइल अटैक

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इजरायल ने तेहरान और न्यूक्लियर साइट्स को बनाया निशाना, ईरान ने दी युद्ध की चेतावनी

नव बिहान डेस्क : मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर पहुंच गया है। शुक्रवार तड़के इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान और उसकी कथित न्यूक्लियर साइट्स पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए। इस हमले में ईरान के कई बड़े सैन्य अधिकारियों और वैज्ञानिकों के भी मारे जाने की ख़बर है। हमले से ईरान में हड़कंप मच गया, और आनन-फानन में तेहरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया।

इजरायल के इस हमले के जवाब में ईरान ने भी पलटवार शुरू कर दिया है। ईरानी सेना ने इजरायल पर मिसाइलों की बरसात की है, हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितनी मिसाइलें दागी गईं और इजरायल के किन शहरों को निशाना बनाया गया।

ईरान का विश्व को संदेश

जवाबी हमले से पहले ईरान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी मंशा जाहिर की। ईरानी सेना ने लिखा, “याद रखें, हमने युद्ध शुरू नहीं किया।” एक अन्य पोस्ट में ईरान ने कुरान की आयत का हवाला देते हुए कहा, “कभी भी किसी को युद्ध के लिए आमंत्रित न करें, लेकिन यदि कोई आपको युद्ध के लिए बुलाता है, तो उसका जवाब दें, क्योंकि जो युद्ध शुरू करता है, वह अत्याचारी है, और अत्याचारी हमेशा पराजित होता है।” यह बयान दर्शाता है कि ईरान इस संघर्ष को अपनी रक्षा और जवाबी कार्रवाई के रूप में देख रहा है।

युद्ध की पृष्ठभूमि

यह ताजा संघर्ष मध्य पूर्व में लंबे समय से चले आ रहे तनाव का हिस्सा है। इजरायल और ईरान के बीच छद्म युद्ध कोई नई बात नहीं है, लेकिन हाल के महीनों में यह खुली जंग में तब्दील हो गया है। बीते कुछ हफ्तों में इजरायल ने लेबनान में हिजबुल्लाह और गाजा में हमास के खिलाफ आक्रामक कार्रवाइयां की थीं, जिन्हें ईरान का समर्थन प्राप्त है। 1 अक्टूबर 2024 को ईरान ने इजरायल पर 181 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी थीं, जिसे हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह और हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या का बदला बताया गया था।

वर्तमान स्थिति

इजरायल के ताजा हमले के बाद ईरान ने दावा किया कि उसके वायु रक्षा तंत्र ने कई हमलों को नाकाम किया, हालांकि कुछ स्थानों पर सीमित नुकसान हुआ। दूसरी ओर, इजरायल ने कहा कि उसके लड़ाकू विमान सुरक्षित वापस लौट आए हैं और उसने ईरान के मिसाइल निर्माण संयंत्रों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इस बीच, वैश्विक समुदाय इस बढ़ते संघर्ष को लेकर चिंतित है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय युद्ध और तेल की कीमतों में उछाल की आशंका बढ़ गई है।

विशेषज्ञों की राय

विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल का यह हमला ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, ईरान के अंडरग्राउंड न्यूक्लियर साइट्स, जैसे फोर्डो और नतांज, को नष्ट करना आसान नहीं है, क्योंकि ये गहरी चट्टानों और कंक्रीट के नीचे बने हैं। दूसरी ओर, ईरान ने धमकी दी है कि यदि इजरायल ने और आक्रामक कार्रवाई की, तो वह इजरायल के गुप्त परमाणु ठिकानों को निशाना बनाएगा।

क्या होगा वैश्विक प्रभाव

इस युद्ध से मध्य पूर्व में अस्थिरता बढ़ने की आशंका है। तेल की कीमतों में पहले ही उछाल देखा जा चुका है, और यदि यह संघर्ष बढ़ता है, तो वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है। भारत जैसे देशों के लिए, जो तेल आयात पर निर्भर हैं, यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है। इजरायल और ईरान के बीच यह ताजा संघर्ष मध्य पूर्व को एक बड़े युद्ध की ओर धकेल रहा है। दोनों देशों की सैन्य ताकत और उनके सहयोगियों की भूमिका इस जंग के भविष्य को तय करेगी। अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब शांति की अपील कर रहा है, लेकिन दोनों पक्षों की आक्रामकता को देखते हुए तनाव कम होने की उम्मीद कम है।

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