Nav Bihan
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देेवरी प्रखंड के कोसोगोंदो दिघी पंचायत के मुखिया के विरुद्ध गोलबंद हुए लोग, लगाए कई आरोप

अधिकारियों एवं सरकार से की मुखिया के विरुद्ध कार्यवाही की मांग, मुखिया ने आरोपो को बताया बेबुनियाद

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गिरिडीह। शहर के साथ-साथ गांव का विकास हो इसके लिए पंचायत का गठन किया गया है और इसमें लोग मुखिया को चुनकर उन्हें अपनी आवाज बनाते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह व्यक्ति उनके गांव और पंचायत का विकास करेगा। लेकिन कई ऐसे जनप्रतिनिधि होते हैं जिन्हें पद मिलने के बाद पद का नशा छा जाता है और वह लोगों की भलाई करने के जगह खुद का जेब भरना शुरू कर देते हैं। ऐसे में वहां की जनता विरोध करती है और उनके विरुद्ध कार्रवाई का मांग करती है, मगर इसमें भी उन्हें निराशा तब होती है जब वे अधिकारियों के पास शिकायत कर हार जाते है।

ऐसा ही कुछ मामला जिले के देवरी प्रखण्ड से निकल कर आया है। हम बात कर रहे हैं देवरी प्रखंड के अंतर्गत आने वाले कोसोगोंदो दिघी पंचायत की, जहां इस पंचायत के लोगो का कहना है कि वे बड़े ही आशा व उम्मीदों के साथ 2022 में संपन्न हुए पंचायत के चुनाव में मतदान कर के धनेश्वर प्रसाद यादव को मुखिया बनाए और सोचे कि यह शख्स उनके पुरे पंचायत का विकास विकास करेगा और हर किसी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा, लेकिन आज मुखिया धनेश्वर यादव को जीते हुए तीन वर्ष हो चुके है, लेकिन इस पंचायत के लोगों को इसका कुछ भी लाभ सही से नहीं मिल पाया है।


ग्रामीणों का कहना है कि जब किसी सरकारी योजना चाहे वह आवास योजना हो या मनरेगा योजना हो का लाभ से जोड़ने की बात आती है तो हर उस योजना में मुखिया और उनके पुत्र समेत उनके दलालों द्वारा रुपए की मांग की जाती है। इतना ही नहीं इस पंचायत के 16 वार्ड के वार्ड सदस्यों को मनरेगा के तहत संचालित विभिन्न योजना में मुखिया या उनके लोगों को आधा का पार्टनर बनाने पर जोर दिया जाता है अन्यथा योजना नहीं दिया जाता है।

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुखिया धनेश्वर यादव द्वारा पंचायत में जबरदस्त रूप से धांधली और भ्रष्टाचार किया जा रहा है। इतना ही नहीं उन्हें डराया और धमकाया भी जाता है। तीन वर्ष में ही कोसोगोंदो दिघी पंचयात के ग्रामीण मुखिया धनेश्वर यादव से परेशान है, और इस परेशानी से निजात दिलाने हेतु उन्होंने जिले के सभी आला अधिकारीयों से मुखिया के द्वारा सभी विकासत्मक कार्यों की निष्पक्ष जाँच की मांग किए है, मगर अब तक उन्हें इसका नतीजा नहीं देखने को मिला है। यहां तक कि पंचायत में मनरेगा योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण कार्यों में भी लीपापोती की गई है।

इधर पंचायत के मुखिया धनेश्वर यादव से जब इस संबंध में फोन पर बात की गई तो उन्होंने अपने उपर लगे सारे आरोपों को बेबुनियाद बताते कहा कि वे एक अच्छे जनप्रतिनिधि है और अपने पंचायत के विकास के लिए तत्पर है।

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