Nav Bihan
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राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न वाद से जुड़े 63 हजार 379 मामलों का हुआ निष्पादन

आम लोगों व पक्षकारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया जाता है लोक अदालत का आयोजन: पीडीजे

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गिरिडीह। जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा शनिवार को व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमें कुल 63 हजार 379 मामलों का निष्पादन किया गया। जबकि 20 करोड़, 40 लाख, 74 हजार 719 रूपए की राजस्व वसूली की गई। राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डीएलएसए के अध्यक्ष अरविंद कुमार पांडेय, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय धनंजय कुमार, जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मनोज चंद्र झा, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय व जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सोनम बिश्नोई ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरविंद कुमार पांडेय ने कहा कि वर्ष 2024 के लिए अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन आमजनों एवं पक्षकारों को लाभ प्रदान करने के उद्देश्य नालसा के निर्देश पर पूरे देश में किया जा रहा है। कहा कि झारखंड राज्य के सभी न्यायालयों में लंबित एवं प्री लिटिगेशन मामलों का निष्पादन इस राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जा रहा है। इस प्रकार के आयोजनों से पक्षकारों को अपने मामलों में त्वरित निष्पादन का लाभ तो मिलता ही है साथ ही न्यायालय का बोझ भी कम होता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलहनीय आपराधिक मामलों, सिविल मामलों, बैंक मामलों, वाहन दुर्घटना वाद से संबंधित मामलों बिजली, वन विभाग, उत्पाद, माप तौल, खाद्य सुरक्षा इत्यादि विभागों से संबंधित मामलों का निष्पादन लोक अदालतों के माध्यम से होने से आम जनों को काफी राहत मिलती है।

उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने आमजनों एवं पक्षकारों को इस राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होकर अपने मामलों का निष्पादन करवाने के लिए बधाई दी। कहा कि न्यायालय के द्वारा समय-समय पर लगाए जा रहे इस प्रकार के आयोजनों में शरीक होकर अपने मामलों को निष्पादित कराएं। जिला प्रशासन भी न्यायपालिका के साथ तालमेल स्थापित कर हर संभव मदद करने के लिए तत्पर है। वहीं जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष प्रकाश सहाय ने राष्ट्रीय लोक अदालत के विशेषता एवं महत्ता पर प्रकाश डाला एवं आम पक्षकारों को आह्वान किया कि इस राष्ट्रीय लोक अदालत में बढ़-चढ़कर अपने मामलों का निष्पादन करा कर खुशी-खुशी अपने घर की ओर जाएं तथा समाज में सौहार्द एवं अमन का वातावरण बनाए रखें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सोनम बिश्नोई ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में सभी विद्वान अधिवक्ता एवं पक्षकार की महत्वपूर्ण भागीदारी से ही कार्यक्रम सफल होता है और राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता एवं जन-जन तक इसकी पहचान को प्रदर्शित करता है। उन्होंने बताया कि लोक अदालत के दौरान कुल 13 पीठों का गठन किया गया था। जिसमें प्री लिटिगेशन मामले व लंबित मामले सहित कुल 63 हजार 389 मामलों का निष्पादन किया गया है। साथ ही विभिन्न विभागों से संबंधित मामलों में 20 करोड़ 40 लाख 74 हजार 719 रुपए’ की राशि संबंधित पक्षकारों को तथा राजस्व के रूप में वसूली गई। इस दौरान सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं के लाभूकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सौरभ कुमार गौतम, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुमारी निकिता के अलावे सभी न्यायिक पदाधिकारी, पैनल अधिवक्ता, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मचारी के अलावे पारा लीगल वॉलिंटियर्स का सराहनीय योगदान रहा। वहीं कार्यक्रम का संचालन न्यायिक दंडाधिकारी स्मृति त्रिपाठी द्वारा किया गया।

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