विश्व एड्स दिवस के मौके पर डीएलएसए ने सदर अस्पताल में किया जागरूकता कार्यक्रम
किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है एचआईवी की संक्रमण, जागरूकता जरूरी
गिरिडीह। विश्व एड्स दिवस के मौके पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा रविवार को सदर अस्पताल में विधिक जागरूकता सह साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉक्टर रेखा झा, एड्स कंट्रोल की प्रभारी रचना शर्मा, पैनल अधिवक्ता, विपिन कुमार यादव, पुरुषोत्तम कुमार एवं रविकांत शर्मा सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 1988 के बाद हर वर्ष 1 दिसंबर को एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण के प्रसार की वजह से एड्स महामारी के प्रति लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है। कहा कि प्रारंभ में विश्व एड्स दिवस को सिर्फ बच्चों और युवाओं से जोड़कर देखा जाता था, लेकिन पता चला कि एचआईवी की संक्रमण किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है। वर्ष 1996 में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक स्तर पर इसके प्रचार प्रसार का काम संभालते हुए 1997 में विश्व एड्स अभियान के तहत संचार रोकथाम और शिक्षा का कार्य शुरू किया।
बताया कि भारत सरकार के राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन के अनुसार दुनिया भर के लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना जरूरी है। इसी उद्देश्य से हर साल विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। एचआईवी के संक्रमण संक्रमित लोगों के लिए सपोर्ट दिखाने और एड्स रोगियों को साहस देने के लिए इसे एक विशेष थीम भी दिया जाता है। साल 2024 का थीम टेक द राइट पाथ रूमाय हेल्थ माय राइट यानी सही मार्ग अपनाए क्योंकि मेरी सेहत मेरा अधिकार।
कार्यक्रम को सफल बनाने में पीएलबी दिलीप कुमार, अशोक कुमार वर्मा, सुनील कुमार, रंजना सिन्हा सहित अन्य की सराहनीय भूमिका रही।
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