नई स्वयंसेवी संस्थाओं के विकास के लिए ध्वनि फाउंडेशन की पहल, दिया जा रहा प्रशिक्षण
गुड गवर्नेंस, सभी सदस्यों की भागीदारी, फण्ड मैनेजमेंट सहित दिए जा रहे कई महत्वपूर्ण टिप्स
गिरिडीह : भारत में लाखों की संख्या में स्वयंसेवी संस्थाएं रजिस्टर्ड हैं पर इन लाखों में से कुछ हज़ार ही हैं जो समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर पा रहे हैं. इसकी मुख्य वजह है, संस्था के सफल संचालन की बेहतर समझ और जानकारी की अभाव. इसी कमी को दूर करने के लिए ध्वनि फाउंडेशन बैंगलोर ने एक पहल की है. इस पहल के तहत ध्वनि फाउंडेशन द्वारा झारखंड राज्य मे बत्तीस संस्थाओं का चयन किया गया है और उनके संस्थागत विकास हेतु चरणबद्ध संस्था के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसी क्रम में बुधवार को गिरिडीह के मधुबन, पारसनाथ स्थित उत्तर प्रदेश प्रकाश भवन में ध्वनि फाउंडेशन के दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत हुयी. इस शिविर में राज्य के 14 गैर सरकारी संगठनों (NGO) के 38 बोर्ड सदस्य शामिल हैं. इन सभी को दो दिनों के दौरान कई महत्वपूर्ण बातों की जानकारी डी जायेगी.
प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षकों ने बोर्ड सदस्यों को संस्था में सफल शासन (गवर्नेंस) सुनिश्चित करने की प्रक्रिया पर विस्तार से बताया. साथ ही संस्था के कार्यों में सभी सदस्यो की भागदारी कैसे सुनिश्चित हो इस पर भी जानकारी साझा की गई.
प्रशिक्षण में मुख्य रूप से ध्वनि फाउंडेशन के बैंगलोर कार्यालय से कार्यकारी निदेशक गोपीनाथ, उपनिदेशक कंसलटेंट बी. विजयनिधि, राज्य प्रमुख डॉ अनंगदेव सिंह, ट्रेनर रेशमा सिंह, ज्योति वर्मा, रंजीता, अभिव्यक्ति फाउंडेशन के कृष्णकांत, रूपम रॉय, सामाजिक परिवर्तन संसथान के उमेश कुमार सहित सभी चयनित संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद थे.
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