12 मार्च को सम्मेद शिखर मधुबन में आदिवासियों का होगा महाजुटान, बैठक कर बनाई रणनीति
प्रेसवार्ता कर केन्द्र सरकार के साथ साथ जैन समाज पर निकाला भड़ास
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गिरिडीह। विश्व प्रसिद्ध सम्मेद शिखर जी पर स्वामित्व को लेकर जारी विवाद एक बार फिर गरमा गया है। 12 मार्च को सम्मेद शिखर मधुबन में मरांग बुरु जुग जाहर थान संगठन के बैनर तले न सिर्फ विभिन्न आदिवासी संगठनों का जमावड़ा होगा बल्कि प्रतिरोध मार्च भी निकाला जायेगा। शनिवार को मरांग बुरु संस्था ने बैठक कर कई मुद्दों पर चर्चा करने के साथ ही 12 मार्च के आंदोलन की रणनीति तैयार की। बैठक में मीडिया प्रभारी दुर्गा चरण मांझी, सुधीर बास्के, रामलाल मुर्मू, महावीर मुर्मू, दिलीप मुर्मू, विष्णु किस्कू, रमेश टुडू समेत कई सदस्य शामिल हुए।
बैठक के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए मीडिया प्रभारी दुर्गा चरण मांझी ने केंद्र सरकार और जैन समाज पर जमकर भड़ास निकालते हुए कहा कि सम्मेद शिखर मधुबन पर जैन समाज के अधिकार को खारिज कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी सम्मेद शिखर में पशु बलि पर रोक है। जबकि आदिवासियों की पूजा पद्धति ही बलि पर है। कहा कि जैन समाज का पारसनाथ पहाड़ में क्या है ये वो समाज जाने। लेकिन पूरे पहाड़ में मुनियों का समाधि निर्माण कर जैन समाज ने अतिक्रमण कर लिया है। जिसे अब सहन नहीं किया जा सकता है। ऐसे में 12 मार्च को मधुबन में प्रतिरोध मार्च आयोजित किया जायेगा। उससे पहले 3 मार्च को पारसनाथ पहाड़ पर पूजा अर्चना का आयोजन किया गया है। वहीं 7 मार्च को हर जिले में धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
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