1098 पर मिली गुप्त सूचना के बाद लापता नाबालिग के परिजनों से मिला रेस्क्यू टीम
टीम ने शुरू की नाबालिग बच्ची की खोज परिजनों को थाना में सूचना कैसे देना है, इसकी नहीं थी जानकारी


गिरिडीह। गिरिडीह जिले के तिसरी के मनसाडीह ओपी क्षेत्र की एक नाबालिग लड़की विगत 10 दिनों से घर से गायब है और हैरत की बात तो यह है कि उसके परिजनों को पुलिस को जानकारी देना कैसे है, इसका भी पता नहीं है। जिस कारण अब तक न तो परिजन उस नाबालिग बच्ची का पता लगा पाए है और ना ही पुलिस उसे ढूढने का प्रयास शुरू की थी। इसी बीच किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा 1098 पर इसकी गुप्त सूचना दी गई, जिसके बाद बच्ची की खोज के लिए रेस्क्यू टीम का गठन किया गया।
रेस्क्यू टीम पहुंची लापता बच्ची के घर
बता दें 1098 पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा गुप्त सूचना दिए जाने के बाद एक रेस्क्यू टीम का गठन किया गया। इस दौरान टीम में शामिल मनसाडीह ओपी प्रभारी अंकित कुमार, सवेरा फाउंडेशन पर्यवेक्षक सह बाल अधिकार कार्यकर्ता इंकज कुमार, चाइल्ड लाइन केस वर्कर नरेश कुमार वर्मा और संतोष कुमार वर्मा लापता नाबालिक बच्ची के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ लापता लड़की के परिजनों से मिलकर सारी बात की जानकारी ली। बल्कि उनके द्वारा ओपी में प्राथमिकी दर्ज करवाने को लेकर प्रेरित भी किया गया। इसके साथ ही लापता बच्ची को खोजबीन भी शुरू हो गई।
परिजनों को थाना में सूचना कैसे देना है, इसकी नहीं थी जानकारी
रेस्क्यू टीम में शामिल सवेरा फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने बताया कि परिजनों से जब उनकी बेटी के बारे में जानकारी ली गई तो परिजनों ने बताया कि उनकी बेटी 10 दिनों से लापता है। जब उन्होंने परिजनों से पुलिस को सूचना देने के बारे में पूछा तो परिजनों ने बताया कि पुलिस को कैसे शिकायत करनी है या सूचना देना है, इसकी उन्हे कोई जानकारी नहीं है।
किसी लड़के के साथ चले जाने का है शक
फाउंडेशन के कार्यकर्ता इंकज कुमार ने यह भी बताया कि परिजनों से बच्ची के लापता होने के बारे में पूछे जाने पर परिजनों ने कहा जिस समय उनकी बच्ची गायब हुई है, उस समय वह घर पर नहीं थे। जब वह घर पहुंचे तो उन्हें उनकी बेटी नहीं मिली। उन्हें शक है कि उनकी नाबालिक बच्ची किसी लड़के के साथ बहकावे में आकर चली गई है।
जानकारी के अभाव में पुलिस तक नहीं पहुंचते हैं कई मामले
बताते चलें कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में पुलिस व कानून को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता नहीं है। जिस कारण ऐसे कई मामले पुलिस तक नहीं पहुंच पाते है और इन्ही के वजह से कई घटनाएं घटित होने के बाद भी पता नही चल पाता है। अगर सरकार व सामाजिक संगठन लोगों के बीच कानूनी जागरूकता को फैलाने के लिए कोई सार्थक कदम आगे बढ़ाए तो फिर ऐसी घटनाओं पर तुरंत पुलिस को जानकारी मिल सकेगी।

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