हाई कोर्ट ने लगाई रोक, फिर भी धड़ल्ले से हो रही नगर निगम क्षेत्र में टोल टैक्स की वसूली
आधिकारिक तौर पर नहीं है सूचना, मिलते ही होगी कार्रवाई : नगर निगम प्रशासक
गिरिडीह : नगर निगम क्षेत्र में टोल टैक्स वसूली को लेकर झारखण्ड हाई कोर्ट ने एक बड़ा आदेश पारित करते हुए अगले आदेश तक इस पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. पर माननीय उच्च न्यायालय के आदेश को धता बताते हुए संवेदक द्वारा नगर निगम क्षेत्र के सभी बूथों पर टोल टैक्स की धड़ल्ले से वसूली की जा रही है. नव बिहान के पास हाई कोर्ट के आदेश की प्रति है जिसे हम अपने पाठकों के लिए प्रकाशित कर रहे हैं.
दो पेज के इस आदेश में माननीय उच्च न्यायालय ने अगले आदेश तक टोल टैक्स की वसूली पर तत्काल रोक लगा दी है. वहीँ दूसरी ओर गुरूवार सुबह नव बिहान की टीम ने नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न टोल बूथों का जायजा लिया तो पाया कि संवेदक के कर्मी टोल टैक्स की धड़ल्ले से वसूली कर रहे हैं.
ये मामला दरअसल क्या है, आइए आपको तफसील से बताते हैं. नगर निगम क्षेत्र में नियम विरुद्ध टोल टैक्स वसूली की बात को लेकर मोंगिया स्टील लिमिटेड द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, झारखण्ड में एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें झारखण्ड सरकार, गिरिडीह म्युनिसिपल कारपोरेशन, इसके विभिन्न अधिकारियो, उपायुक्त गिरिडीह, सदर एसडीओ गिरिडीह सहित संवेदक मेसर्स एस. के. राय को भी पार्टी बनाया गया था. इसी याचिका पर 18 दिसंबर को सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने माना है कि प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि टोल टैक्स कि वसूली क़ानूनी प्रावधानों के तहत नहीं हो रही है जो संविधान के आर्टिकल 265 का उल्लंघन है. इसलिए उच्च न्यायालय ने अगले आदेश तक टोल टैक्स की वसूली पर रोक लगाई है.
इधर इस बाबत ज़ब नगर निगम के प्रशासक प्रशांत कुमार लायक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के इस आदेश की कोई आधिकारिक सूचना उन्हें नहीं मिली है. सूचना मिलते ही वे आवश्यक कार्रवाई करेंगे.
बहरहाल, हाई कोर्ट के आदेश के बावज़ूद नगर निगम क्षेत्र में टोल टैक्स की वसूली माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का सीधा – सीधा उल्लंघन है.
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