सज कर तैयार हुआ राजधनवार का प्रसिद्ध छठ घाट, खोरीमहुआ एसडीम अनिमेष रंजन ने छठ घाट का किया निरीक्षण
आस्था का प्रतीक है राजधनवार का राजघाट

गिरिडीह। जिले का प्रसिद्ध राजधनवार राजघाट पर सूर्य उपासना का महापर्व छठ आस्था, श्रद्धा व भक्ति की अटूट अभिव्यक्ति तथा सौंदर्य, भव्यता, प्रकाश और संयम की सतरंगी छटा के साथ मनाया जाता है. ऐसी आस्था कि इस घाट पर व्रत करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इसके कारण झारखंड, बिहार व बंगाल के कई जिलों से यहां लाखों लोग छठ करने आते हैं. कई रिश्तेदारों के घर रहकर पर्व भी करते और कराते हैं. वैसे तो इस घाट का इतिहास सदियों पुराना है. पहले राजपरिवार और उनके कुछ खास यहां छठ व्रत करते थे, लेकिन जब से इसे सर्वजन के व्रत के लिए मुक्त कर दिया गया, तब से दायरा बढ़ता ही चला गया.
पिछले लगभग चार दशक से श्रद्धालुओं ने घाट को सजाने-संवारने और छठ मेला लगाने की परिपाटी शुरू की और इसका स्वरूप साल-दर-साल बढ़ता ही चला गया. न सिर्फ राज घाट बल्कि दीवानटोला घाट, नौलखा डेम घाट, इरगा नदी घाट बल्कि संपूर्ण राजधनवार नगर में लगभग पांच किमी की परिधि में ऐसी सजावट होती है कि श्रद्धालुओं को किसी दूसरी दुनिया में होने की अनुभूति होती है. विद्युत सज्जा ऐसी कह 72 घंटे तक रात-दिन का अंतर मिट सा जाता है.


वहीं छठ पूजा मेले को लेकर खोरीमहुआ एसडीओ अनिमेष रंजन ने रविवार को धनवार छठ घाट और मेले की तैयारी का निरीक्षण किया ओर जायजा लिया इस क्रम में वे छठ पूजा समिति के लोगों से मिल तैयारी की स्थिति से अवगत हुये और सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस बार पिछले बार से अधिक पुलिस के जवान तैनात किये गये हैं. पार्किंग की भी व्यवस्था की गयी है. मेला के दौरान मुख्य मार्ग से बड़े वाहनों का परिचालन भी डायवर्ट कर दिया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को दिक्कत न हो।

