श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव के साथ श्री श्याम सेवा मंडल करेंगे नववर्ष का स्वागत, श्री श्याम मंदिर प्रांगण में तैयारी हुई पूरी
28 दिसंबर से 3 जनवरी तक चलेगा श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव, जयपुर के प्रसिद्ध कथा वाचक राधेश गौतम करेंगे कथा श्रवण

गिरिडीह। नव वर्ष के आगमण के अब चन्द दिन ही शेष रह गए है। सभी लोग अपने अपने स्तर से नव वर्ष का स्वागत करने में जूटे हुए है। कोई पिकनिक मनाने की प्लानिंग कर रहा है तो कोई अपने परिवार के संग घूमने की प्लानिंग कर रहे है। इन सबसे अलग श्री श्याम सेवा मंडल के सदस्य सृष्टि के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण के सनिग्ध में नववर्ष का स्वागत करेंगे। जी हां श्री श्याम सेवा मंडल के द्वारा शहर के आईसीआर रोड स्थित श्री श्याम मंदिर के प्रांगण में समस्त मानव समाज का मार्ग दर्शन करने वाले श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य आयोजन कर रही है। सात दिनों तक चलने वाले श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव की शुरूआत 28 दिसंबर यानि की रविवार को कलश यात्रा के साथ शुरू होगी। श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव की तैयारी को लेकर मंदिर परिसर के प्रांगण में कथा का श्रृवण करने वाले भक्तों के लिए भव्य पंडाल बनाया जा रहा है। वहीं राजस्थान के जयपुर से पधारने वाले प्रसिद्ध श्रीमद भागवत कथावाचक राधेश गौतम जी के लिए भी भव्य आसन्न बनाया जा रहा है। इस भव्य आयोजन की तैयारी में सेवा मंडल के अध्यक्ष बाँके बिहारी शर्मा, मुकेश जालान, संजय भूदोलिया, कुणाल मोदी, रवि जालान, कृष्णा अग्रवाल सहित अन्य भक्त जुटे हुए है।



श्री श्याम सेवा मंडल द्वारा नववर्ष के दौरान आयोजित होने वाले इस भव्य आयोजन की तैयारी में जूटे सेवा मंडल के अध्यक्ष बाँके बिहारी शर्मा व मुकेश जालान ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानव समाज को भक्ति के सागर में डुबकी लगवाना है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि 28 दिसंबर को भव्य कलश यात्रा के साथ श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव की शुरूआत होगी, जो 3 जनवरी को महाप्रसाद वितरण के साथ संपन्न होगी। इस दौरान महोत्सव में जयपुर से प्रसिद्ध श्रीमद भागवत कथावाचक राधेश गौतम जी खुद शामिल होंगे और प्रतिदिन दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करेंगे।

उन्होंने बताया कि सात दिवसीय श्री मद् भागवत कथा की शुरूआत रविवार को भव्य कलश यात्रा से होगी। वहीं भागवत महात्मय, श्रीविराट चरित्र, श्रीधुर्व और श्रीनरसिंह चरित्र कथा, श्रीराम और श्री कृष्ण जन्मोत्सव के साथ कृष्ण लीला समेत कृष्ण विवाह का भव्य झांकी के माध्यम से इन कथाओ के जरिये पौराणिक काल के महत्व का वर्णन होगा। बताया कि महोत्सव के अंतिम दिन तीन जनवरी को परीक्षित मोक्ष कथा के साथ कथा को पूर्णाहुति दी जायेगी।
