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नशामुक्ति को लेकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने किया मीडिया के साथ सेमिनार का आयोजन

मादक पदार्थों पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से संकल्पित: अंजना भारती

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गिरिडीह। निषिद्ध मादक पदार्थों के विरुद्ध लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंडों में जागरूकता अभियान चला रही है। साथ ही नुक्कड़ नाटक और एलईडी वाहन के माध्यम से प्रचार प्रसार भी किया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रांगण में मीडिया प्रतिनिधियों के साथ एक सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार में प्रेजेंटेशन के माध्यम से मादक पदार्थों के रोकथाम, उपाय और इससे बचाव से जुड़ी जानकारी दी गई। साथ ही नशीले पदार्थों के सेवन से लोगों विशेषकर किशोरों, युवक व युवतियों के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सेमिनार में राज्य से उपलब्ध कराए गए मादक पदार्थों से संबंधित विडियोज, रील, पीपीटी आदि प्रदर्शित किए गए। इस दौरान लोगों को नशा छोड़ने के लिए शपथ भी दिलाई गई। वहीं नुक्कड़ नाटक के माध्यम से भी नशामुक्ति के लिए जागरूक किया गया।


सेमिनार को संबोधित करते हुए जिला जनसंपर्क पदाधिकारी अंजना भारती ने कहा कि नशामुक्त समाज बनाने में मीडिया प्रतिनिधियों का अहम योगदान है। आप सबके सकारात्मक भागीदारी और प्रयास से ही हमारा समाज नशामुक्त हो पाएगा। मीडिया जागरूकता बढ़ाने, गलत सूचनाओं को दूर करने और सकारात्मक बदलाव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मीडिया के माध्यम से, लोगों को नशे के खतरों और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशा से मानसिक एवं शारीरिक दोनों तरह की समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इस सामाजिक बुराई के खिलाफ हमें मिलकर जागरूकता फैलानी होगी। वहीं जिला सांख्यिकी पदाधिकारी जितेंद्र कुमार दुबे ने कहा कि नशा एक अभिशाप है, हरेक व्यक्ति को इससे से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि नशामुक्त भारत अभियान में युवाओं की अधिकतम भागीदारी आवश्यक है। आज हम सभी नशामुक्त भारत अभियान के तहत संकल्प लें कि हम न केवल अपने परिवार, समुदाय, मित्रों को, बल्कि स्वयं को भी नशामुक्त बनाएंगे, क्योंकि बदलाव की शुरुआत स्वयं से होती है।

सेमिनार में उपस्थित रेडक्रॉस सोसायटी के चेयरमैन अरविंद कुमार ने कहा कि नशा एक सामाजिक बुराई है, इसका सेवन किसी भी प्रकार से हितकारी नहीं है। नशा के कारण लोगों की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है। सरकार व जिला प्रशासन का प्रयास है कि नशा मुक्त अभियान से अधिक से अधिक लोग जुड़े, ताकि नशा मुक्ति का संदेश जन-जन तक पहुंचाया जाए। उन्होंने कहा कि नशा दुर्घटना, लड़ाई झगड़ा का भी एक बड़ा कारण है, नशा को लेकर बदलाव स्वयं से शुरू होना चाहिए।

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