दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत में भूकंप के झटके, हरियाणा में था केंद्र
सुबह 9:05 बजे आए भूकंप से सहमे लोग, घरों और दफ्तरों से बाहर निकले; कोई बड़ा नुकसान नहीं


नई दिल्ली : गुरुवार सुबह करीब 9:05 बजे दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और उत्तर भारत के कई हिस्सों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। कई सेकंड तक धरती के कंपन से दहशत में आए लोग अपने घरों, दफ्तरों और रास्तों से बाहर निकल पड़े। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र हरियाणा के झज्जर जिले में था, और रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.4 मापी गई।
भूकंप उस समय आया जब लोग अपने कार्यस्थलों की ओर जा रहे थे या सुबह की दिनचर्या में व्यस्त थे। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और रोहतक जैसे शहरों में झटके स्पष्ट रूप से महसूस किए गए। हालांकि, फिलहाल किसी जान-माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक धरती हिलने से घरों में रखा सामान हिलने लगा और कुछ जगहों पर हल्की गड़गड़ाहट की आवाज सुनाई दी। गाजियाबाद के निवासी अमित शर्मा ने कहा, “मैं ऑफिस जाने की तैयारी कर रहा था तभी अचानक बेड हिलने लगा। तुरंत परिवार को लेकर बाहर निकला।” दिल्ली के करोल बाग इलाके में भी लोग डर के मारे सड़कों पर जमा हो गए।
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप का केंद्र धरती से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। विशेषज्ञों का कहना है कि 4.4 तीव्रता का भूकंप सामान्य रूप से हल्का माना जाता है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में यह दहशत पैदा कर सकता है।
दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन 4 में आता है, जो भूकंप के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र है। हाल के महीनों में इस क्षेत्र में भूकंप के कई हल्के झटके महसूस किए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालय क्षेत्र में भूगर्भीय गतिविधियों के कारण उत्तर भारत में समय-समय पर ऐसे झटके आते रहते हैं।
भूकंप के बाद स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हो गई हैं। हरियाणा और दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और भूकंप के दौरान सुरक्षा उपाय अपनाएं।
सुरक्षा सलाह:
– भूकंप के दौरान लिफ्ट का उपयोग न करें।
– मजबूत फर्नीचर जैसे टेबल के नीचे छिपें या दीवार के सहारे खड़े हों।
– बिजली के खंभों, पेड़ों और इमारतों से दूर रहें।
– भूकंप के बाद गैस और बिजली के स्विच बंद कर दें।
हालांकि इस भूकंप से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना उत्तर भारत के निवासियों के लिए एक चेतावनी है कि भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के लिए हमेशा तैयार रहना जरूरी है।

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