Nav Bihan
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झारखंड से जारी पलायन के बीच नही थम रहा है प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला

चेन्नई में करंट लगने से घायल डुमरी के सुरेश महतो की इलाज के दौरान हुई मौत, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

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गिरिडीह। झारखंड के गिरिडीह, हजारीबाग, धनबाद और बोकारो सहित विभिन्न जिलों से जहां एक ओर पलायन का सिलसिला जारी है, वहीं प्रवासी मजदूरों की मौत का सिलसिला भी थमने का नाम नही ले रहा है। एक बार फिर गिरिडीह जिले के डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत भरखर निवासी भोला महतो के 32 वर्षीय पुत्र सुरेश महतो की चेन्नई में बुधवार को मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। सुरेश महतो घर का इकलौता कमाऊ व्यक्ति था और वह अपने पीछे पत्नी मालो देवी, पुत्री खुशबू कुमारी (10), नीतू कुमारी (06) और पुत्र सुभाष कुमार (01वर्ष) समेत बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ गया। सुरेश महतो चेन्नई में श्रीनिवास इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड में काम करता था।

जानकारी के अनुसार 5 जुलाई 2025 को सुरेश महतो कंपनी की लापरवाही कारण हाई टेंशन टावर में करंट लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया था। घटना के बाद सुरेश महतो को स्थानीय सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के दौरान बुधवार की शाम को उनकी मौत हो गई।
इधर घटना की सूचना मिलते ही प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले समाजसेवी सिकन्दर अली मृतक के घर पहुंचकर संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि झारखंड के नौजवानों की मौत के मुंह में समा जाने की यह पहली घटना नहीं है, इससे पहले भी कई लोगों की मौत हो चुकी है। रोजी-रोटी की तलाश में प्रदेश गये प्रवासी झारखंडी मजदूरों की आये दिन मौत की खबर सामने आती रहती है। हर रोज झारखंड के किसी न किसी इलाके से प्रवासी मजदूर की दूसरे राज्यों या विदेश में मौत हो रही है। ऐसे में पलायन को लेकर सरकार को ठोस नीति बनाने की जरूरत है।

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