झंडा मैदान में आयोजित जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
कृषि से जुड़े लगाए गए 18 स्टॉल, उपायुक्त ने किया निरीक्षण, कहा किसान नई तकनीक का उपयोग कर बढ़ा सकते है उत्पादन
गिरिडीह। कृषि विभाग के द्वारा शुक्रवार को झंडा मैदान में जिला स्तरीय किसान मेला-सह-फसल प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा, जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी, सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव, विधायक प्रतिनिध सह झामुमो जिलाध्यक्ष संजय सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान उपायुक्त ने मेला में लगे सभी स्टॉल का निरीक्षण किया। प्रदर्शनी मेला में किसानों की सहायता के लिए कुल 18 स्टॉल लगाए गए थे, जिनमें कृषि उपकरण, आधुनिक तकनीक, जैविक उत्पाद, फसलों और सब्जियों की नई प्रजातियां प्रदर्शित की गईं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि “किसान मेला किसानों को नई तकनीक, जैविक खेती, उद्यानिकी और मत्स्य पालन में उन्नति के अवसर प्रदान करता है। इस मेले के माध्यम से किसान अपनी उपज का मूल्य बढ़ाने और पर्यावरण अनुकूल खेती के तरीकों को अपना सकते हैं। हमारा उद्देश्य योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में इन तकनीकों का उपयोग कर किसान अपनी उत्पादन क्षमता में सुधार ला सकते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला परिषद अध्यक्षा मुनिया देवी, सांसद प्रतिनिधि दिनेश यादव सहित अन्य अतिथियों ने कहा कि किसानों को सिंचाई की समस्या के समाधान के लिए चेक डैम, तालाब और कूप जैसी योजनाओं पर जोर देना चाहिए। उन्होंने तकनीकी ढंग से खेती करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि किसान सही समय पर बीज उपचार और सिंचाई करें, तो उनकी उपज में अधिक वृद्धि होगी।
जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि किसान वैज्ञानिक तरीके से खेती कर न सिर्फ खेती की लागत कम कर सकते हैं बल्कि स्वालंबी भी बन सकते है। बताया कि वैज्ञानिक विधियों से खेती करने से लागत कम होती है और मुनाफा 5 से 7 गुना तक बढ़ सकता है। उन्होंने किसानों को नीम, करंज, सरसों खली और जैविक खाद का अधिक उपयोग करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने महिला किसानों को गृह वाटिका में मौसमी सब्जियां और फल उगाकर पोषण और आय बढ़ाने का सुझाव दिया।
मौके पर उप विकास आयुक्त, सदर अनुमंडल पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी समेत सभी संबंधित अधिकारी के अलावा जिले के सभी प्रखण्डों से अधिक से अधिक संख्या में किसान, किसान मित्र, प्रगत्तिशील कृषक उपस्थित थे।
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