जमुआ के कुछ युवा स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस के दूसरे दिन सड़क किनारे पड़े तिरंगे को उठाकर करते है जमा
वर्ष 2018 से चला रहे है अभियान, इस बार नही मिला सड़क किनारे तिरंगा
गिरिडीह। युवा पीढ़ी चाहे तो क्या से क्या कर दें। आज के इस दौर में कुछ युवाओं को दूसरे कार्यों में मन ज्यादा लगता है, लेकिन आज भी बहुत से ऐसे युवा हैं जो अपने देश के प्रति सोचते हैं और करते भी हैं। कुछ ऐसा ही देखने को मिला है जमुआ प्रखंड में। जहां पिछले 7 सालों से कुछ युवा 15 अगस्त और 26 जनवरी के अगले दिन सुबह में क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों, गांव-कस्बों, चौक-चौराहों आदि स्थानों पर जाकर देखते हैं कि झंडा कहीं बिखरा तो नहीं पड़ा है, अगर है तो वह उस झंडे को उठाकर एक सुरक्षित स्थान पर रख देते हैं, ताकि झंडा किसी के पैरों के तले कुचला न जाए।
विदित हो कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते तो हैं, लेकिन अगले दिन ही झंडे को सड़क पर इधर-उधर बिखरा हुआ पाते है जो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है। क्यांेकि तिरंगा का अपमान देश के वीर शहीदों का अपमान, देश का अपमान हैं। ऐसे में आकाश कुमार साहा, रवि कुमार, प्रवीण कुमार जैसे युवा सड़क या सड़क किनारे पड़े तिरंगे को उठाकर एक स्थान पर जमा करते है, ताकि तिरंगे का अपमान न हो।
युवाओं की माने तो अगस्त 2018 से अपनी टीम के साथी के साथ 15 अगस्त एवं 26 जनवरी के अगले दिन ही बिखरे हुए तिरंगे को इधर-उधर से उठाकर लाते है और देश प्रेम का संदेश देते है। कहा कि अब इस मुहिम को लोग समझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार किसी भी जगह पर झंडा बिखरा हुआ नहीं मिला, जिससे टीम दर्पण दृष्टि ने खुशी जाहिर की ओर लोगों से ध्यान देने की अपील की। उन्होंने सभी का आभार जताते हुए कहा कि लोग अब चीजों को समझने लगे हैं और उन्होंने तहे दिल से सभी को धन्यवाद किया।
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