जनसंख्या नियंत्रण कानून समेत कई मांगों को लेकर राष्ट्रीय हिंदू फ्रंट ने दिया धरना, पीएम के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन
अंधाधुंध संतानोत्पत्ति की प्रवृत्ति साबित हो सकती है विघटनकारी: बग्गा


गिरिडीह। जनसंख्या नियंत्रण कानून, यूनिफॉर्म सिविल कोड, एनआरसी लागू करने तथा वक्फ बोर्ड को पूरी तरह से समाप्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय हिंदू फ्रंट (जनसंख्या समाधान फाउंडेशन) के कार्यकर्ताओं ने संगठन के जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में जिला मुख्यालय में धरना दिया। तथा जनसंख्या विस्फोट एवं जनसांख्यिकी अंसतुलन जैसे भीषण समस्या से उत्पन्न हो रहे संभावित गृह युद्ध के खतरे को रोकने के लिए प्रधानमंत्री के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया।
धरने में उपस्थित वक्ताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि अंधाधुंध संतानोत्पत्ति करने की प्रवृत्ति पर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाकर अंकुश लगाने में एक-एक पल की देरी भारत और भारतीय संस्कृति के लिए काफी विघटनकारी साबित हो सकती है। एक विशेष वर्ग के द्वारा रणनीति के तहत जानबूथ कर बढ़ाई जा रही जनसंख्या और और सनातन समाज की युवा पीढ़ि में एक बच्चे तक सीमित रहने की प्रवृत्ति के कारण देश के अनेक भागों में 6 वर्ग से कम आयु वर्ग में बच्चों का जनसंख्या का असंतुलन उस विशेष वर्ग के पक्ष में झुकता दिखने लगा है। कहा कि विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच जनसंख्या का अनुपात वर्तमान अनुपात के अनुसार बनाए रखने के उद्देश्य से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय हिंदू फ्रंट के द्वारा लगभग 12 वर्षों से कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इस अभियान को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुख्य संरक्षक डॉ इंद्रेश कुमार व केंद्रीय मंत्री गृहराज सिंह सहित 125 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।

इस दौरान मुख्य रूप से संगठ के प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप डंगाईच, जिला संयोजक ज्योतिष शर्मा, भाजपा नगर अध्यक्ष हरमिंदर सिंह बग्गा, संगठन की महिला जिलाध्यक्ष अनिता ओझा, आदित्य यादव, रंजन सिन्हा, विवेक कुमार विक्की, आलोक केशरी, अजय पाठक आदि मौजूद थे।

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