कोडरमा में फंसा पेंच, कहीं भरभरा कर गिर न जाए इंडी गठबंधन का किला
विनोद सिंह को साझा उम्मीदवार मानने को तैयार नहीं झामुमो, कमर कस कर तैयार बैठे हैं जयप्रकाश
आलोक रंजन
गिरिडीह : लोकसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। एक तरफ झारखण्ड की सभी लोकसभा सीटों पर एनडीए और इंडी गठबंधन के बीच सीधा मुकाबला है। एनडीए ने तो झारखण्ड के सभी लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है और सभी प्रत्याशी चुनाव प्रचार में जुट भी गए हैं। पर इंडी गठबंधन में सब कुछ ठीक – ठाक नहीं चल रहा। अभी तक कई लोक सभा सीटों पर प्रत्याशियों के नाम को लेकर ऊहा-पोह की स्थिति है। जहां नाम की घोषणा हो भी गई है तो वहाँ गठबंधन टूटता हुआ दिख रहा है। कोडरमा लोक सभा सीट ऐसी ही एक सीट है।
कोडरमा लोक सभा क्षेत्र से भाकपा माले ने विनोद सिंह को प्रत्याशी घोषित किया है। माले का दावा है कि विनोद सिंह इंडी गठबंधन के साझा प्रत्याशी हैं। पेंच यहीं फंसता दिख रहा है। कांग्रेस ने तो विनोद सिंह को गठबंधन का साझा प्रत्याशी मान लिया है, पर झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के तेवर नर्म नहीं पड रहे। गांडेय के पूर्व विधायक प्रो जयप्रकाश वर्मा कोडरमा से झामुमो के टिकट पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक रहे हैं और विनोद सिंह के नाम की घोषणा होने के बाद भी वे अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं। वे कह रहे हैं कि झामुमो ज्वाइन करने के समय ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनसे वादा किया था कि कोडरमा से वे ही पार्टी के प्रत्याशी होंगे और अब उस वादा को निभाने का वक़्त आ गया है। जयप्रकाश वर्मा के इस दावे को कहीं न कहीं उनकी पार्टी का भी साथ मिलता प्रतीत हो रहा है। पार्टी की ओर से इस मामले पर किसी भी कद्दावर नेता ने गठबंधन को लेकर कोई बयान अब तक नहीं दिया है। उल्टा गठबंधन धर्म से इतर पार्टी नेताओं के बयान आ रहे हैं।
ताज़ा बयान झामुमो नेता और पूर्व विधायक निजामुद्दीन अंसारी का है। निजामुद्दीन अंसारी ने साफ़-साफ़ कहा है कि उनलोगों को पार्टी की ओर से अब तक कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है और वे भाकपा माले के विनोद सिंह को इंडी गठबंधन का प्रत्याशी नहीं मानते। उन्होंने दावा किया कि कोडरमा में गठबंधन के लोग यदि भाजपा को हराना चाहते हैं तो झामुमो का प्रत्याशी ही टक्कर दे सकता है और वर्तमान हालात में प्रो जयप्रकाश वर्मा ही सबसे फिट कैंडिडेट हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विनोद सिंह के अभी जितने भी कार्यक्रम हैं, वे उनकी पार्टी भाकपा माले के कार्यक्रम हो सकते हैं, इसलिए झामुमो के लोग उनके कार्यक्रमों में शामिल नहीं हो रहे हैं।
पार्टी ने टिकट दिया तो ठीक, वरना निर्दलीय लडूंगा चुनाव : जयप्रकाश वर्मा
गुरुवार को कुशवाहा समाज की एक बैठक गिरिडीह में हुई, जिसमें जयप्रकाश वर्मा भी शामिल हुए। इस बैठक में काफी विचार-विमर्श के बाद कुशवाहा समाज ने निर्णय लिया कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने टिकट दिया तो ठीक, नहीं तो जयप्रकाश वर्मा निर्दलीय चुनाव लडेंगे। इस बैठक के बाद उत्साह से लबरेज़ जयप्रकाश वर्मा ने भी हुंकार भरी और कहा कि उन्हें अभी भी पार्टी की तरफ से आश्वासन मिल रहा है, इसलिए वे इंतज़ार कर रहे हैं। पर यदि पार्टी ने उम्मीदवार नहीं भी बनाया तो वे अपने कुशवाहा समाज के निर्देशों का पालन करेंगे और निर्दलीय चुनाव लडेंगे।
एक तरफ विनोद सिंह की सभी घटक दलों को एक साथ लेकर चलने की कवायद है, तो दूसरी और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेता अब भी उन्हें गठबंधन का साझा उम्मीदवार नहीं मान रहे। प्रो जयप्रकाश वर्मा के तेवर तल्ख़ हैं, वे हर हाल में चुनाव लड़ने का मन बना बैठे हैं। प्रोफेसर साहब को झामुमो के नेताओं के साथ कुशवाहा समाज का साथ भी मिलता दिख रहा है। कहीं ऐसा ना हो कि कोडरमा की सीट को लेकर झारखण्ड में इंडी गठबंधन का किला भरभरा कर टूट जाए और माले व झामुमो यहाँ आमने – सामने हो जाएँ। अब इसे फ्रेंडली मैच कहें या सीधी टक्कर, भविष्य में जो भी होगा, दिलचस्प ही होगा।
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