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केंद्रीय रेल मंत्री से मिला चैंबर ऑफ कॉमर्स का प्रतिनिधि मंडल, बैठक के गिरिडीह में रेलवे सुविधाओं को बढाने को लेकर की चर्चा

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गिरिडीह। गिरिडीह में रेलवे से आवागमन करने वाले यात्रियों को ओर भी बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने तथा जिले में रेलवे के विकास को लेकर मंगलवार को गिरिडीह चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने गिरिडीह एवं आसपास के क्षेत्रों से जुड़ी प्रमुख रेलवे मांगों पर विस्तार से चर्चा की। यह बैठक कोडरमा सांसद एवं केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी के के विशेष प्रयास से ही संभव हो पाई। केंद्रीय रेल मंत्री से चैंबर के प्रतिनिधिमंडल के मुलाकात में भाजपा के कोषाध्यक्ष सह ZRUCC के सदस्य मुकेश जलान का भी महत्वपूर्ण भूमिका रही।

मौके पर चैंबर प्रतिनिधिमंडल में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के पूर्व क्षेत्रीय उपाध्यक्ष प्रदीप अग्रवाल, गिरिडीह चैंबर के पूर्व अध्यक्ष मोंगिया स्टील के चेयरमैन गुणवंत सिंह सलूजा, सीए सह चैंबर के कोषाध्यक्ष विकास खेतान, मुकेश जलान भाजपा के जिला कोषाध्यक्ष सह ZRUCC के सदस्य तथा झारखंड भाजपा के युवा मंत्री संजीव सिंह शामिल थे।

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बताया गया कि केंद्रीय रेल मंत्री के साथ हुई बैठक में हावड़ा–गया वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन का विषय रखा गया, जिस पर यह सहमति बनी कि यह ट्रेन न्यू गिरिडीह होकर सप्ताह में तीन दिन चलाई जाए, जिससे गिरिडीह, पारसनाथ एवं कोडरमा क्षेत्र को आधुनिक और तेज़ रेल सुविधा प्राप्त होगी। साथ ही देवघर–जसीडीह–वाराणसी वंदे भारत को न्यू गिरिडीह–कोडरमा होकर सप्ताह में तीन दिन चलाने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि बाबाधाम, काशी विश्वनाथ और पारसनाथ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों के बीच एक सशक्त आध्यात्मिक रेल कॉरिडोर विकसित हो सके।

प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली–गोड्डा एक्सप्रेस के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की और इसे सप्ताह में तीन दिन चलाने की आवश्यकता पर बल दिया, क्योंकि वर्तमान में यह ट्रेन अत्यधिक भीड़ और लंबी प्रतीक्षा सूची के कारण आम यात्रियों की जरूरतें पूरी नहीं कर पा रही है। इस पर भी रेल मंत्री द्वारा सकारात्मक रुख दिखाया गया।

माल ढुलाई के विषय पर प्रतिनिधियों ने न्यू गिरिडीह स्टेशन पर रैक प्वाइंट को और लंबा करने, बढ़ती औद्योगिक आवश्यकताओं को देखते हुए एक अतिरिक्त नया रैक प्वाइंट विकसित करने तथा न्यू गिरिडीह को एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा। इसके साथ ही यह भी अवगत कराया गया कि महेशमुंडा रैक प्वाइंट का टेंडर हो चुका है, किंतु अब तक निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है, जिस पर शीघ्र कार्य आरंभ कराने का आश्वासन दिया गया।

इसके अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल ने सालेय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पचंबा रेलवे स्टेशन करने की मांग रखी, ताकि क्षेत्र की भौगोलिक और जनभावनाओं के अनुरूप स्टेशन की पहचान स्थापित हो सके। साथ ही आसनसोल–हटिया एक्सप्रेस का सलैया स्टेशन पर ठहराव (स्टॉपेज) देने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिससे स्थानीय यात्रियों, छात्रों और मरीजों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

बैठक में गिरिडीह–कोडरमा–मधुपुर रेलखंड पर डबल लाइन, पारसनाथ–गिरिडीह सेक्शन पर यात्री सुविधाओं में सुधार, तथा स्टेशन विस्तार एवं शेड निर्माण जैसे विषयों पर भी संक्षेप में लेकिन प्रभावी चर्चा हुई और सभी बिंदुओं पर सकारात्मक आश्वासन प्राप्त हुआ।

प्रतिनिधिमंडल ने गिरिडीह की औद्योगिक एवं खनिज महत्ता—कोयला, अभ्रक, स्टोन चिप्स, डोलोमाइट आदि—को रेखांकित करते हुए कहा कि बेहतर रेल अवसंरचना से रेलवे राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और क्षेत्र में रोजगार, व्यापार तथा निवेश को नई गति मिलेगी।

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