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किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही, अब तक 33 की मौत, कई लापता

उत्तराखंड के बाद प्रकृति ने अब जम्मू-कश्मीर में कहर बरपाया है। यहाँ किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना ने भीषण तबाही मचाई है।

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नव बिहान डेस्क : उत्तराखंड के बाद प्रकृति ने अब जम्मू-कश्मीर में कहर बरपाया है। यहाँ किश्तवाड़ जिले में बादल फटने की घटना ने भीषण तबाही मचाई है।

घटना गुरूवार की दोपहर लगभग 12 से 1 बजे के बीच की है। किश्तवाड़ के चोशिटी (Chositi) गांव में, जो मचैल माता यात्रा मार्ग पर स्थित है, अचानक एक विनाशकारी बादल फटा। इस घटना के तुरंत बाद तेज़ बहाव के साथ बाढ़ आ गई, जिससे कई घर और रास्ते ध्वस्त हो गए। बादल फटने के बाद विनाशकारी मलबे की बाढ़ के रास्ते में जो कुछ भी आया, वह तबाह हो गया। इस घटना में अब तक 33 लोगों के मौत की ख़बर आ रही है, जबकि सैकड़ों लापता हैं.

किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही, अब तक 33 की मौत, कई लापता
किश्तवाड़ में बादल फटने से तबाही, अब तक 33 की मौत, कई लापता

 

राहत और बचाव कार्य तीव्र गति से जारी हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना, और स्थानीय प्रशासन तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव अभियान शुरू किया। एक कंट्रोल रूम और हेल्प डेस्क स्थापित कर दिए गए हैं ताकि प्रभावितों को सहायता मिल सके।

विभिन्न समाचारों के अनुसार मौतों की संख्या अलग-अलग बताई जा रही है — कुछ रिपोर्ट्स में 12, तो कुछ में 30, 33 या 38 की पुष्टि की गई है। घायलों की संख्या भी सैकड़ों में बताई जा रही है, वहीं दर्जनों लोग अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।

इस त्रासदी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया और कहा कि स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी जा रही है और “हर संभव सहायता” प्रदान की जाएगी।

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी शोक संवेदना करने के साथ बचाव कार्य तेज़ करने के निर्देश दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह को स्थिति से अवगत कराया है और स्वतंत्रता दिवस समारोह रद्द करने का निर्णय लिया है।

विनाशकारी मलबे की बाढ़ के रास्ते में जो कुछ भी आया, वह तबाह हो गया
विनाशकारी मलबे की बाढ़ के रास्ते में जो कुछ भी आया, वह तबाह हो गया

 

मचैल माता यात्रा, जो कि इस क्षेत्र की एक प्रमुख धार्मिक यात्रा है, को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है। बचाव दल और प्रशासन इस यात्रा मार्ग पर सुरक्षा सुनिश्चित करने में लगे हुए हैं।

इस विनाशकारी घटना ने एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की संभावना और यथोचित सुरक्षा इंतजामों की ज़रूरत को उजागर किया है। मौसम विभाग ने आसपास के क्षेत्रों के लिए भारी बारिश और भू-वादल जैसी स्थितियों से सावधान रहने की चेतावनी भी जारी की है।

यह घटना हिमालयी क्षेत्रों में क्लाउडबर्स्ट के बढ़ते प्रभाव और अनियोजित विकास की चुनौतियों पर भी सवाल खड़ा करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ते निर्माण इस तरह की आपदाओं का खतरा बढ़ा रहे हैं।

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