नकली दवा कारोबार का भांडाफोड़, आयुर्वेदिक दवा की आड़ में चल रहा था गोरखधंधा
राजधनवार के परसन में संगठित तरीके से चल रहा था धंधा, पुलिस को मिली बड़ी सफलता
गिरिडीह : राजधनवार के परसन ओपी क्षेत्र में नकली दवा के कारोबार के सनसनीखेज़ मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. यहाँ आयुर्वेदिक दवा के नाम पर ऐलौपैथी की दवाओं का मिश्रण कर ये गोरखधंधा बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा था. पुलिस की कार्रवाई से इस अवैध कारोबर से जुड़े धंधेबाज़ों में हड़कंप है और वे फिलहाल फरार हैं.
खोरीमहुआ एसडीपीओ साजिद जफ़र को गुप्त सूचना मिली थी कि परसन के इलाके में ये अवैध धंधा चल रहा है. यहाँ कुछ लोग आयुर्वेदिक दवाओं के साथ अंग्रेजी दवाओं को मिला कर ना सिर्फ मरीज़ों का इलाज कर रहे हैं, बल्कि इन दवाओं का निर्माण भी कर रहे हैं. ख़ास तौर पर मधुमेह के इलाज के लिए इनके यहाँ बड़ी संख्या में मरीज़ आते हैं. गुप्त सूचना के आधार पर यहाँ कुछ मकानों में छापा मारा गया तो कई दवाएं बरामद की गईं. छापेमारी के क्रम में ही उन्हें संदिग्ध हालत में एक कार दिखी, जिसकी जाँच – पड़ताल की गई तो कार से भारी मात्रा में दवाएं, खाली बोतल, रैपर आदि बरामद किए गए. मीडिया से बात करते हुए एसडीपीओ ने कहा कि नकली दवाओं का कारोबार काफी संगठित तरीके से किया जा रहा था. इस मामले में अभी तक साबिर शाही नामक एक व्यक्ति की पहचान हुई है जो फरार है.
गिरिडीह के ड्रग इंस्पेक्टर अरुप रतन साहा ने भी मीडिया से बात करते हुए कहा कि जितनी भी चीजें और दवाएं बरामद हुईं हैं, वे बताती हैं कि यहाँ बड़े पैमाने पर नकली दवा बनाने का कारोबार चल रहा था. अभी कई दवाओं के सैंपल लिए गए हैं, जिन्हें जाँच के लिए भेजा जाएगा और नियम संगत कार्रवाई की जाएगी.
सूत्रों की मानें तो राजधनवार और इसके आस – पास के क्षेत्रों में कई वर्षों से ये गोरखधंधा चल रहा है. आयुर्वेदिक इलाज के नाम पर नकली दवाएं बनाई जा रही हैं और लोगों के जीवन से खिलवाड़ हो रहा है. पुलिस की इस कार्रवाई से धंधेबाज़ों में हड़कंप है और आम लोगों में ख़ुशी.