गायत्री शक्तिपीठ में जिला स्तरीय विचार गोष्ठी का किया गया आयोजन
जिला समन्वय समिति का किया गया पुनर्गठन, पदाधिकारियों को दिया गया दायित्व
गिरिडीह। अखिल विश्व गायत्री परिवार के द्वारा रविवार को गायत्री शक्तिपीठ में जिला स्तरीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी की अध्यक्षता बोकारो उपजोन प्रभारी लखनलाल प्रजापति एवं गायत्री परिवार ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक ट्रस्टी कामेश्वर सिंह ने संयुक्त रूप से किया। विचार गोष्ठी की शुरुआत दीप जलाकर और मां गायत्री की वंदना कर की गई। इस दौरान सभी प्रखंडों के प्रखंड संयोजकों के द्वारा अपने-अपने प्रखंडों में किए जा रहे मिशन के कार्यों के बारे में जानकारी दी गई। विचार गोष्ठी के दौरान 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गिरिडीह जिले में 2400 घरों में एक साथ गायत्री महायज्ञ आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया। साथ ही जिले में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।
गोष्ठी के दौरान सर्वसम्मति से बासुकीनाथ राय को गायत्री परिवार ट्रस्ट गिरिडीह में नए ट्रस्टी के रूप में शामिल करने का निर्णय लिया गया। साथ ही जिला समन्वय समिति का पुनर्गठन भी किया गया। जिसमें सर्व समिति से नरेश प्रसाद यादव को जिला समन्वयक एवं अरुण कुमार को जिला उपसमन्वयक, सुमन गुप्ता को जिला महिला समन्वयक एवं सरिता साव को जिला महिला उपसमन्वयक, सुरेश यादव को जिला युवा समन्वयक एवं मनोज शर्मा को जिला युवा उपसमन्वयक, तुलसी पंडित को भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा जिला समन्वयक एवं जय प्रकाश राम को जिला उप समन्वयक, पूनम बरनवाल को आओ गढे़ संस्कारवान पीढ़ी जिला समन्वयक एवं मीरा बरनवाल को जिला उप समन्वयक, सुदामा नायक को गृहे गृहे यज्ञ कार्यक्रम जिला समन्वयक एवं माथुर प्रसाद को जिला उप समन्वयक, अनिल कुमार साव को जिला सप्त आंदोलन समन्वयक एवं अयोध्या प्रसाद यादव को जिला उपसमन्वय के रूप में चयन किया गया।
इस मौके पर बोकारो उपजोन प्रभारी लखन लाल प्रजापति ने कहा कि अखण्ड ज्योति शताब्दी वर्ष 1926 तक जिले के सभी प्रखंडों के प्रत्येक गांव तक गायत्री परिवार के कार्यक्रम को पहुंचाने का कार्य किया जाएगा। विचार गोष्ठी को सफल बनाने में कामेश्वर सिंह, नरेश यादव, भागीरथ प्रसाद सिंह, अनिरुद्ध राम, महेश गुप्ता, अनिल कुमार साव, जय प्रकाश राम, मनोज शर्मा, बुधनचंद यादव, रामप्रसाद नायक, बासुकीनाथ राय, अरुण कुमार, काशी प्रसाद, राजेश कुमार राम, विशेश्वर साव, दयानंद प्रसाद सहित गायत्री परिवार के अन्य सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।
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