Nav Bihan
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केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन से गिरिडीह ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट को मिला लाइसेंस

उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के अथक प्रयास से हुआ संभव

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गिरिडीह। भारत सरकार के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन द्वारा गिरिडीह सदर अस्पताल में संचालित रक्त केन्द्र में ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट के संचालन के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया है। सदर अस्पताल रांची के बाद गिरिडीह दूसरा जिला है, जिसे रक्त केंद्र संचालन के लिए लाइसेंस प्रदान किया गया है। उक्त लाइसेंस गिरिडीह उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के अथक प्रयास से मिला है। गुरुवार को उपायुक्त श्री लकड़ा ब्लड बैंक पहुंचे और ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट का जायजा लिया। इस दौरान सिविल सर्जन एसपी मिश्रा के अलावे रेडक्रॉस के चैयरमेन अरविन्द कुमार मौजूद थे। मौके पर उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने कहा कि मरीजों को बेहतर और समय पर उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करना ही हमारी प्राथमिकता है। जिले में ब्लड की कमी न हो इस हेतु ब्लॉक एवं जिला स्तर पर समय समय पर कैंप भी लगाए जाते हैं।

गौरतलब है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सदर अस्पताल में स्थित ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट सक्रिय है। जिससे सदर अस्पताल में 1000 यूनिट ब्लड संधारण की क्षमता हो गई है। इस नई सुविधा के जरिए रक्त के विभिन्न घटकों को जरूरतमंद मरीजों को सही समय पर उपलब्ध कराया जाता है। रक्त केन्द्र में सेपरेशन युनिट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ब्लड सेपरेशन युनिट एक ऐसी तकनीक है जिसमें ब्लड से आरबीसी, प्लेटलेट, प्लारजमा जैसे घटकों में अलग करती है। ये घटक विभिन्न चिकित्सा स्थितियों के लिये अलग अलग मरीजों को उपलब्ध कराया जाता है। सेपरेशन युनिट के द्वारा एक ही रक्तदान से कई रोगियों की मदद की जा सकती है। यह युनिट रक्त की उपल्बधता में वृद्धि करने रोगियों की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार उपचार प्रदान करने और रक्त से संबंधित बिमारीयों के इलाज के लिये नये तरीके खोजने में मदद करती है। खासतौर पर थैलेसीमिया और गंभीर बीमारियों से ग्रसित बच्चों और मरीजों को इससे बड़ा लाभ मिलेगा।

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